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कृषि यंत्र सब्सिडी के लिए आवेदन कैसे करें?

क्या आपको पता है कि कृषि क्षेत्र में अपने काम को सुधारने के लिए उन्नत कृषि यंत्रों का उपयोग कर सकते हैं? अगर हां, तो आपके लिए एक सुनहरा मौका है क्योंकि सरकार ने एक योजना शुरू की है जिसके तहत कृषकों को कृषि यंत्रों के खरीददारी पर अनुदान प्रदान किया जाएगा। इस पोस्ट में, हम आपको बताएंगे कि आप कृषि यंत्रों के लिए इस योजना के अंतर्गत कैसे आवेदन कर सकते हैं।

योजना का उद्देश्य:

इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषकों को उन्नत कृषि यंत्रों का उपयोग करने के माध्यम से समय और श्रम की बचत करने में मदद करना है।

अनुदान की मात्रा:

यदि आप इस योजना के तहत अनुदान प्राप्त करते हैं, तो आपको कृषि यंत्रों के मूल्य के 40% से 50% तक की सहायता प्राप्त हो सकती है, जो आपके क्ःषी उपकरण के खरीददारी में बड़ी सहायता कर सकता है।

पात्रता और चयन प्रक्रिया:

इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने से पहले, आपके पास कुछ निम्नलिखित आवश्यकताएं होनी चाहिए:

  • आपको अपनी नाम से कृषि भूमि होनी चाहिए और आपका नाम राजस्व रिकॉर्ड में होना चाहिए.
  • ट्रैक्टर चलित कृषि यंत्रों के लिए, ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन आपके नाम से होना चाहिए.
  • एक किसान को एक प्रकार के कृषि यंत्र पर तीन वर्ष की कालावधि में केवल एक बार ही अनुदान दिया जाएगा.
  • एक किसान एक वित्तीय वर्ष में समस्त योजनाओं में अलग-अलग प्रकार के अधिकतम 3 कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्त कर सकेगा.

आवेदन प्रक्रिया:

आवेदन करने के लिए आप किसान स्वयं या नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जा सकते हैं और वहां से आवेदन प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं। आवेदक को आवेदन पत्र ऑनलाइन जमा करने की प्राप्ति रसीद भी ऑनलाइन ही मिल सकती है।

आवेदन के समय दस्तावेज:

आवेदन करते समय, आपको कुछ आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है, जैसे कि आधार कार्ड, जनाधार कार्ड, जमाबंदी की नकल, जाति प्रमाण पत्र, ट्रैक्टर का पंजीयन प्रमाण पत्र (आर.सी.)।

आपूर्ति स्त्रोत:

अनुदान की दर प्राप्त करने के लिए आपको विभाग के प्रावधानों के अनुसार राज्य के किसी भी जिले में पंजीकृत निर्माता/विक्रेता से कृषि यंत्र क्रय करने पर ही अनुदान दिया जाएगा.

कृषि यंत्रों की खरीद:

कृषि यंत्रों को खरीदने के लिए आपको उनके खरीद पर प्रशासनिक स्वीकृति के बाद ही कार्रवाई करनी चाहिए। आपको स्वीकृति की जानकारी मोबाइल संदेश या अपने क्षेत्र के कृषि पर्यवेक्षक के माध्यम से मिल सकती है।

अनुदान का विवरण:

नीचे योजनावार और यंत्र श्रेणीवार अनुदान की जानकारी दी गई है:

क्र.स.योजना/ गतिविधिएस.एम.ए.एम./एन.एफ.एस.एम. (तिलहन)
यंत्रीकरण (ट्रेक्टर /पावर ऑपरेटेड  यंत्र)हार्सपावर रेन्जSC/ST/लघु/सीमान्त व महिला कृषकअन्य श्रेणी के कृषक
1सीड ड्रिल/सीड कम फर्टीलाइजर ड्रिल20 बी.एच.पी. से कम की क्षमता से 35 बी.एच.पी. से अधिक की क्षमता तकमूल्य का 50 प्रतिशत या अधिकतम 15,000-28,000 रु. जो भी कम हो *मूल्य का 40 प्रतिशत या अधिकतम 12,000-22,400 रु. जो भी कम हो *
2डिस्क प्लाऊ/ डिस्क हैरो20 बी.एच.पी. से कम की क्षमता से 35 बी.एच.पी. से अधिक की क्षमता तकमूल्य का 50 प्रतिशत या अधिकतम 20,000-50,000 रु. जो भी कम हो *मूल्य का 40 प्रतिशत या अधिकतम 16,000-40,000 रु. जो भी कम हो *
3रोटोवेटर20 बी.एच.पी. से अधिक की क्षमता से 35 बी.एच.पी. से अधिक की क्षमता तकमूल्य का 50 प्रतिशत या अधिकतम 42,000-50,400 रु. जो भी कम हो *मूल्य का 40 प्रतिशत या अधिकतम 34,000-40,300 रु. जो भी कम हो *
4मल्टी क्रॉप  थ्रेसर20 बी.एच.पी. से कम की क्षमता से 35 बी.एच.पी. से अधिक की क्षमता तकमूल्य का 50 प्रतिशत या अधिकतम 30,000-1,00,000 रु. जो भी कम हो *मूल्य का 40 प्रतिशत या अधिकतम 25,000-80,000 रु. जो भी कम हो *
5रिज फरो प्लांटर/ मल्टी क्रॉप  प्लांटर/ टेक्टर ऑपरेटेड  रिपर20 बी.एच.पी. से कम की क्षमता से 35 बी.एच.पी. से अधिक की क्षमता तकमूल्य का 50 प्रतिशत या अधिकतम 30,000-75,000 रु. जो भी कम हो *मूल्य का 40 प्रतिशत या अधिकतम 24,000-60,000 रु. जो भी कम हो *
6चिजल प्लाऊ20 बी.एच.पी. से कम की क्षमता से 35 बी.एच.पी. की क्षमता तकमूल्य का 50 प्रतिशत या अधिकतम 10,000-20,000 रु. जो भी कम हो *मूल्य का 40 प्रतिशत या अधिकतम 8,000-16,000 रु. जो भी कम हो *
*  उपरोक्त वर्णित कृषि यंत्रों पर अधिकतम अनुदान की सीमा उनके ट्रैक्टर/पावर टिलर/शक्ति चलित यंत्र की बी.एच.पी. क्षमता पर आधारित है।
नोट1. अन्य सभी अनुमोदित कृषि यंत्रों पर अनुदान सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मेकेनाईजेशन (SMAM) के प्रावधानों के अनुरूप देय होगा।
2. एन.एफ.एस.एम. (गेहूं एवं दलहन) योजनान्तर्गत रोटावेटर/टर्बो सीडर, मल्टीक्रोप थ्रेसर, सीड ड्रिल/सीड कम फर्टीलाईजर ड्रिल, डिस्क हैरो/डिस्क प्लो इत्यादि कृषि यंत्रों पर एस.एम.ए.एम. योजना के प्रावधानों के अनुसार अनुदान देय है।

Source:- Rajasthan Kisan Portal